सोना बनाने के रहस्यमय नुस्खे 1
ये सब क्रियायें बेहद कठिन हैं और इनके लिये विशेष साधन विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है । जिसमें सबसे मुश्किल तेज ताप की गलाने वाली भट्टी की ही आती है । फ़िर भी इनके छोटे प्रयोग कोई करना चाहें और वांछित वस्तुओं के वर्तमान नाम जानने की दिक्कत आये । तो किसी " आयुर्वेद " की मूल पुस्तक और संस्कृत के शब्दकोष का सहारा लें । वैसे पुराने विद्वान । और वैध लोग इन नामों को अक्सर जानते हैं । ये प्रयोग विशेष रुचि वालो के लिये । शोधकर्ताओं के लिये ही लाभदायक हैं । साधारण आदमी द्वारा ये प्रयोग करना समय और पैसे की बरबादी के अलावा कुछ नही है । लेख प्रकाशित करने का उद्देश्य पाठकों को भारत की महान प्राचीन ग्यान परम्परा से अवगत कराना है । " सोना बनाने के रहस्यमय नुस्खे " तीन भागों में प्रकाशित है । जो एक साथ ही प्रकाशित हो चुके हैं । कृपया लेख में दिये गये खाने के नुस्खे का प्रयोग कतई न करें । अन्यथा " मृत्यु " हो सकती है ।
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रसक calamine दरद cinnabar ताप्य golden pyrites गगन mica और कुजरी real gar इन्हें बराबर लेकर लाल सेंहुड के दूध में सात दिन तक घोंटे । फ़िर 24 घडी तक इसे जलयन्त्र में पकायें । इस प्रकार सहस्त्र वेधी कल्क मिलेगा । जो पिघले तांबे । चांदी । या सीसे को निसंदेह सोना बना देगा ।
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एक भाग पारे को पांच भाग बज्रवल्ली और त्रिदन्डी के रस के साथ बेंत या रागिणी ( अशोक ) की मूसली के साथ खरल में मर्दन करें । ऐसा करने से जो पीला कल्क मिलता है । उसे पिघले तांबे में सोलहवां भाग मिलाये । तो सुन्दर सोना बन जाता है ।
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नवसार ( नौसादर ) और पारे को निम्ब , मातुलुंग ( बिजौरा नींबू ) और घृतकुमारी के रस के साथ धूप में मर्दन करें । और जलयन्त्र में तीन दिन तक तेज आंच पर पकायें । तो इस प्रकार शतवेधी पदार्थ मिलेगा । जो चांदी को सोने में बदल देगा ।
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एक पल लौह चूर्ण में सुमल क्षार और सुहागा मिलाकर एरंड तेल के साथ दो घडी तक घोंटे । फ़िर कल्क का गोला बनाकर धोंकनी से धोंके । इस प्रकार लोहा गलकर पारे के समान हो जायेगा । इसमें रसक की उचित मात्रा मिलायें । और वज्रमूषा में लोहे और रसक के मिश्रण को गलायें । फ़िर उसे उतारकर तांबे में मिलायें तो शुद्ध चांदी बन जायेगी ।
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मछली की आंख निकालकर दूध में पकायें । फ़िर पुतली निकालकर साफ़ कर लें । फ़िर ईंट के चूर्ण से मर्दन करें । ऐसा करने से मोती उत्पन्न हो जायेगा । ऐसा प्रयोग कुछ लोगों ने किया भी है ।
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महारस ये हैं । माक्षिक । विमल । शैल । चपल । रसक । सस्यक । दरद । और स्रोतोडाजन ( रसार्णव ) ।
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यदि राजार्वत lapis lazuli को शिरीश फ़ूल के रस से भावित किया जाय । तो इसकी एक गुज्जा से श्वेत स्वर्ण ( चांदी ) के 100 गुज्जा को सूर्य के समान तेज सोने में बदल सकते हैं ।
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पीले गन्धक को पलाश के गोंद के रस से शोधित किया जाय और अरने कन्डों की आग पर तीन बार पकाया जाय । तो इससे चांदी को सोने में बदला जा सकता है ।
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अरने कनडो किया। होता। है
जवाब देंहटाएंइसका मतलब खेतों में जंगलों में गाय के गोबर के सूखे हुए उपले आर ने कंडे
हटाएंहोते हैं
It is published in 1979 in news paper why distrab to others ? Reached in fact .....
जवाब देंहटाएंIt is published in 1979 in news paper why distrab to others ? Reached in fact .....
जवाब देंहटाएंRasak kya hota hai.
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