स्वर्ण बनाने का रहस्य (प्राचीन भारत की तकनीक) -
making Gold in lab
स्वर्ण बनाने का रहस्य(प्राचीन भारत की तकनीक )
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भारत के गौरव्मान इतिहास को कोन नहीं जानता,यह तो विश्व व्यापी है की भारत एक ऋषि मुनियों का देश रहा है और
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भारत के गौरव्मान इतिहास को कोन नहीं जानता,यह तो विश्व व्यापी है की भारत एक ऋषि मुनियों का देश रहा है और
सभी क्षेत्रों जैसे विज्ञानं गणित आयुर्वेद में बहुत पहले से सभी दुसरे देशों से आगे है|
भारत में प्राचीन काल में ऐसे बहुत सी खोज हो चुकी थी जो की बाकी देशों ने कई सदियों बाद की|
भारत शुरू से ही सोने की चिड़िया कहलाता रहा है जिसे न जाने कितने देश सदियों तक लूटते रहे लेकिन
फिर भी इसका खजाना खाली ना कर पाए|
भारत के सोने की चिड़िया होने और यहाँ पर सोना बनाये जाने के बारे में हो सकता है कुछ जोड़ हो|
भारत देश में सेंकडों ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी आखों के सामने जड़ी बूटियों से पारा, ताम्बा, जस्ता, तथा
भारत के सोने की चिड़िया होने और यहाँ पर सोना बनाये जाने के बारे में हो सकता है कुछ जोड़ हो|
भारत देश में सेंकडों ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी आखों के सामने जड़ी बूटियों से पारा, ताम्बा, जस्ता, तथा
चांदी से सोना बनते देखा है तथा आज भी देश में हजारों लोग इस रसायन क्रिया में लगे हुए हैं|
अकेले बूंदी जिले (राज.) में ही सेंकडों लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं|
पूर्व में बूंदी के राजा हाडा प्रतिदिन क्विन्त्लों में चांदी का दान किया करते थे
जो की मान्यताओं के अनुसार बुन्टियों के माध्यम से ही तैयार की जाती थी|
इस पूरी प्रक्रिया में लोग पारे को ठोस रूप में बदलने की कोशिश करते हैं तथा
गंधक के तेल से पारे का एक एलेक्ट्रोन कम हो जाता है तथा वो गंधक पारे को पीला रंग दे देता है|
2Hg+ S = Hg2S (-2e ) ( सोना)
देश के हजारों लोग मानते हैं की देश के कॉर्पोरेट जगत के बड़े बड़े उद्योगपतियों ने इन्ही जड़ी बूटियों के माध्यम से
2Hg+ S = Hg2S (-2e ) ( सोना)
देश के हजारों लोग मानते हैं की देश के कॉर्पोरेट जगत के बड़े बड़े उद्योगपतियों ने इन्ही जड़ी बूटियों के माध्यम से
तथा साधुओं के सहयोग से टनों सोना तैयार किया है|
तेलिया कंद
तेलिया कंद
सोने के निर्माण में तेलिया कंद जड़ी बूटी का बहुत बड़ा योगदान है इसलिए पहले तेलिया कंद के बारे में जान लेते हैं|
तेलिया कंद एक चमत्कारी जड़ी बूटी है|
तेलिया कंद एक चमत्कारी जड़ी बूटी है|
देश विदेश के लोगों की रूचि को देखते हुए में तेलिया कंद के बारे में अपनी राय दे रहा हूँ|
तेलिया कंद एक चमत्कारिक पोधा है| जिसका सबसे पहला गुण परिपक्वता की स्थिति में
तेलिया कंद एक चमत्कारिक पोधा है| जिसका सबसे पहला गुण परिपक्वता की स्थिति में
जेहरीले से जेहरिले सांप से काटे हुए इंसान का जीवन बचा सकता है|
दूसरा ये पारे को सोने में बदल सकता है|
तेलिया कंद का पोधा 12 वर्ष उपरांत अपने गुण दिखता है|
दूसरा ये पारे को सोने में बदल सकता है|
तेलिया कंद का पोधा 12 वर्ष उपरांत अपने गुण दिखता है|
तेलिया कंद male और female 2 प्रकार का होता है|
इसके चमत्कारी गुण सिर्फ male में ही होते है|
इसके चमत्कारी गुण सिर्फ male में ही होते है|
इसके male कंद में सुई चुभोने पर इसके तेजाबी असर से
वो गलकर निचे गिर जाती है|
वो गलकर निचे गिर जाती है|
पहचान स्वरुप जबकि female जड़ी बूटी में ऐसा नहीं होता|
इसका कंद शलजम जैसा रंग आकृति लिए हुए होता है तथा
इसका कंद शलजम जैसा रंग आकृति लिए हुए होता है तथा
पोधा सर्पगंधा से मिलती जुलती पत्ती जैसा होता है|
इसका पोधा वर्षा ऋतू में फूटता है और वर्षा ऋतू ख़तम होने के बाद ख़तम हो जाता है|
जबकि इसका कंद जमीन में ही सुरक्षित रह जाता है|
जबकि इसका कंद जमीन में ही सुरक्षित रह जाता है|
इस तरह से लगातार हर मौसम में ऐसा ही होता है|
और ऐसा 12 वर्षों में लगातार होने के बाद इसमें चमत्कारिक गुण आते हैं|
और ऐसा 12 वर्षों में लगातार होने के बाद इसमें चमत्कारिक गुण आते हैं|
इसके पोधे के आसपास की जमीन का क्षेत्र
तेलिय हो जाता है तथा उस क्षेत्र में आने वाले छोटे मोटे कीड़े मकोड़े उसके तेलिये असर से मर जाते हैं|
हम लोगों ने पारस पत्थर के बारे में तो सुना ही होगा|
तेलिय हो जाता है तथा उस क्षेत्र में आने वाले छोटे मोटे कीड़े मकोड़े उसके तेलिये असर से मर जाते हैं|
हम लोगों ने पारस पत्थर के बारे में तो सुना ही होगा|
पारस पत्थर पारे का ठोस रूप होता है जो प्रकर्ति में गंधक के साथ मिलकर उच्च दाब और उच्च ताप की
परिस्थितिओं में बनता है|
परिस्थितिओं में बनता है|
उसी उच्च दाब और उच्च ताप की परिस्थितिओं में तेलिया कंद पारे को ठोस रूप में बदलने में सहायक होता है|
जैसा की आयुर्वेदिक के हिसाब से पारा शिवजी का रूप है और गंधक पार्वती का रूप है| उसी तर्ज पर पारा
[hg,80] + गंधक (sulphar) ------> उत्प्रेरक ( तेलिया कंद )
तेलिया कंद
Hg + S =============> gold
उत्प्ररेक
पारे को गंधक के तेल में घोटकर उसमे तेलिया कंद मिलाकर बंद crucible में गरम करते हैं| इस क्रिया में
पारे का 1 अणु गंधक खा जाता है| गंधक पारे में अपना पीला रंग देता है| तेलिया कंद पारे को उड़ने नहीं देता
तथा पारा मजबूर होकर ठोस रूप में बदल जाता है और वो सोना बन जाता है|
ये बूटी कहाँ मिलती है| हमारे knowledge के हिसाब से ये बूटी भारत के कई जंगलों में पायी जाती है| 1982 तक भीलों का डेरा mount abu में बालू भील से देश के सभी क्षेत्र के लोग ये बूटी खरीद के ले जाते थे|
जैसा की आयुर्वेदिक के हिसाब से पारा शिवजी का रूप है और गंधक पार्वती का रूप है| उसी तर्ज पर पारा
[hg,80] + गंधक (sulphar) ------> उत्प्रेरक ( तेलिया कंद )
तेलिया कंद
Hg + S =============> gold
उत्प्ररेक
पारे को गंधक के तेल में घोटकर उसमे तेलिया कंद मिलाकर बंद crucible में गरम करते हैं| इस क्रिया में
पारे का 1 अणु गंधक खा जाता है| गंधक पारे में अपना पीला रंग देता है| तेलिया कंद पारे को उड़ने नहीं देता
तथा पारा मजबूर होकर ठोस रूप में बदल जाता है और वो सोना बन जाता है|
ये बूटी कहाँ मिलती है| हमारे knowledge के हिसाब से ये बूटी भारत के कई जंगलों में पायी जाती है| 1982 तक भीलों का डेरा mount abu में बालू भील से देश के सभी क्षेत्र के लोग ये बूटी खरीद के ले जाते थे|
बालू भील का देहांत हो चूका है तथा उसके बच्चे इसकी अधिक जानकारी नहीं रखते|
इस बूटी का चमत्कार करते हुए अंतिम बार बूंदी में बाबा गंगादास के आश्रम 1982 में देखा गया था|
इस बूटी का चमत्कार करते हुए अंतिम बार बूंदी में बाबा गंगादास के आश्रम 1982 में देखा गया था|
आज भी देश में हजारों लोग खासकर काल्बेलिये और साधू इसके चमत्कारिक गुण का उपयोग करते हैं|
तेलिया कंद की जगह देश में अन्य चमत्कारिक बूटियां भी काम में ली जाती हैं
तेलिया कंद की जगह देश में अन्य चमत्कारिक बूटियां भी काम में ली जाती हैं
जैसे रुद्रबंती, अंकोल का तेल, तीन धार की हाद्जोद इतियादी|
आज के व्यज्ञानिक युग में पारे और गंधक को मिलाकर अन्य जड़ी बुटिओं को इस्तेमाल करके भी
आज के व्यज्ञानिक युग में पारे और गंधक को मिलाकर अन्य जड़ी बुटिओं को इस्तेमाल करके भी
व्यग्यानिकों को इसपर काम करना चाहिए|
क्यूंकि पारे का 1 एलेक्ट्रोन कम होते ही और गंधक में जाते ही वो पारा ठोस रूप में आके सोने में बदल सकता है|
ऐसे कोई भी जडीबुटी जो पारे को गरम करने पर उड़ने से रोक सकती है और
गंधक के तेल के साथ क्रिया करने पर पारे को सोने में बदल सकती है|
mere pass hai sir g aap ko chaiye bolo g
जवाब देंहटाएंHa mujhe chahiye no. De do apna
हटाएं7585818788 call me
हटाएंmere pass hai sir g aap ko chaiye bolo g
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी,सादर प्रणाम,एक बात कहना चाहता हूं कि तेलियाकंद मेल या फीमेल नही होता है,द फुट से ज्यादा ऊंचाई नहीं होती है और इसकी छाया में जमीन तेलयुक्त रहतीं हैं
जवाब देंहटाएंTELIYA KAND MESE PAAS HE WO BI MALE 12 YEAR PURANA 2017 ME 12 YEAR KA HO GYA THA
जवाब देंहटाएंkisi ne bhi Teliya kand se sona hahi banaya, Ye jadi booti ke price ko badane ka tarika hai .
हटाएंMaine para ko sona banaya hai lekin para ko hard kaise kare iska vidi batay
जवाब देंहटाएंCall 📞me 8153919047plz
हटाएंAp mujhe gandhak ka tel de sakte h .Ya sona kaise banay vo bata sakte h
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंApnana parichay de,ham apki hep ktesakte hi ,
जवाब देंहटाएंमुझे सोना बनाना आता है और यह धातु से बनता है
जवाब देंहटाएंकृपया आपका नम्बर दिजीये मेरा नम्बर 9595380961
हटाएंमुझे कई विधियों से स्वर्ण बनाना आता है इसके लिए मै धातु परिवर्तन नामक किताब लिख रहा हूं जो मानव कल्याण के लिए होगी और गरीबों अशहाय पीड़ितो के कष्ट को दूर करने वाली होगी किन्तु आपकी विधि लिख मुझे कर what's app karen
हटाएं8652007457
अभी तक प्रयोग से 7 तरीकों से सवर्ण निर्माण कर चुके हैं मैंने सीसे , तांबे , पारे , रसक ,हिंगुल ,रश सिंदूर , मेंसिल ,पारे अभ्रक की कजली ,लाल कनेर , अमर बेल से प्रत्येक से स्वर्ण निर्माण किया,पारस पत्थर बनाने हेतु क्रियारत हूं किंतु उच्च दाब और गंधक के मृषद व परिरूप अव्रत से पत्थर जैसा ठोस नहीं बना पा रहा हूं पारा सर्ववेधी बनाकर स्वर्ण निर्माण तो कई धतुओं से किया किन्तु स्पर्श मात्र से लोहे से स्वर्ण बनने हेतु और अधिक प्रयोग कर रहा हूं हो सकता है आपकी विधि से कुछ विधान समझ में आए तो आशा है कि पारस का निर्माण संभव हो सके,किन्तु तांबे को नौसादार के घोल में जस्ते का चूर्ण मिलाकर गर्म करके क्रमशः चांदी तदउपरांत अग्नि से तपाकर स्वर्ण की परत बनती है जो कुछ माइक्रो मीटर होती है इतनी की खुरच के भी स्वर्ण नहीं निकाल सकते हां इसमें तेलियाकंद पिघले तांब्रा में मिलाकर जस्ते की क्रिया को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर डालने से कैडमियम धातु जरूर बनाई जा सकती है । लालच और ज्ञान एक साथ संभव नहीं अतएव अज्ञान और धन लोलुपता त्याग कर अपनी विधि लिख कर मेरे संपर्क नंबर पर भेजें ,जिससे भारत को पारस पत्थर और धातु परिवर्तन का रहस्य मै उद्घाटित कर मानव कल्याण के कार्य को संपन कर सकूं ।धन्यवाद ,ब्लॉग प्रबंधक से अनुरोध है के मेरे पोस्ट को कुछ समयपश्चात् डिलीट अर्थात मिटा दें वरना स्वयं सोचें अगर स्वर्ण इतना ही सही होता और सहज होता तो ज्ञानी पुरष यह विधान सबको बता देते , धन सही हाथो मे जाने से उन्नति होती है किन्तु गलत हाथो में जाने से विनाश संभव है अतः सिर्फ जानकर और गंभीर पुरष ही अपना ज्ञान और विधि मुझे भेजें
Sar me bhi pare those roop dekar uski goli bana sakta hu agar aap mera sahyog kare to hum milkar kai sare gareebon ki sahayta kar sakta he or yakin maniye humko isse bane sone ka ek Dana bhi nhi chahiye
हटाएंसर् मुझे भी सिखाये कीमियागिरी
हटाएं@jugalmahor Para thos copper sulfate se ? Usse Gold bante aaj tak nahi dekha hai
हटाएंPehle aap ek prayog suvarn banane ka dale
हटाएंमेरे पास है तेलायाकंद 5 किलो का
हटाएंHamare pas teliya kand he bis sal Purana kisi ko chahiye to kolkare 9617060241
जवाब देंहटाएंभाई आप पारे में स्वर्ण बीज और अभ्रक सत्व जारित पारे में डाल दीजिए पारा 1500 डिग्री सेल्सियस भी हो जाए तो भी नहीं उड़ेगा चाहे पहले पारे का वजन कर लीजिए फिर स्वर्ण बीज और अभ्रक सत्व जारित पारे में डाल दीजिए कितना भी गर्म कीजिए 1500 डिग्री सेल्सियस तक 1 ग्राम भी नहीं उड़ेगा लेकिन पारे का भेदन वाला गुण नही रहेगा ,अग्नि स्थाई और बेधक गुण के लिए कुछ जड़ी बूटियां हैं उनको मिलाना पड़ेगा ,पारा बांध भी सकते हैं लेकिन यह विधि सबको नहीं बताई का सकती है, धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंWhat is swarn beej? Is it a herb?
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंतेलिया कंद मेरे पास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। पर सोना बनाने के लिए नहीं।आयुर्वेदिक उपयोग के लिए। अंदाज लगाकर पारा से सोना नहीं बनता है।उसके लिए पारा के अष्टादस संस्कार और शोधित गंधक की जरूरत होती है, कई लोग अपना पूरा जीवन और धन खपा चुके है, पर सोना नहीं बना पाए।
जवाब देंहटाएंJo bahut sadhu sant kar chuke he nahi bana paye jo yaha bata rahe he vo bhi photo nahi bata sakte vidhi ka leval rang badlne se pata gold nahi ban jata
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